शनिवार, 19 मार्च 2011

तब क्या

कितना 
सुख 
लौटने का 
वैराग्य से 
श्रृंगार की ओर
मशान से 
वृन्दावन जितना 
लेकिन जब 
दोनों 
दीखे एक -से 
तब क्या 

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