शुक्रवार, 5 नवंबर 2010

वह एक ही

वह
ए़क
शब्द
वचन
विषय
मंत्र वर्णन
एक

सूत
निषाद
कुलाल
जरा रहित
सिद्ध
भुवन स्वामी
वह
एक ही

व्यक्त तत्त्व
निर्विकार
अग्नि -सा
ताप
तप
रहस्य
शिवयोगी
वह
एक ही

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