अभ्यास स्वभाव हो जाता
जल्द ही
अभ्यास स्वभाव हो जाता है
पहाड़ी नदी में लुढ़कते - लुढ़कते
पत्थरों जैसा गोल
अपनी चुभन को खोकर
चमकदार हो जाता है
फिर
बंद खुली आँखों के मायने नहीं रह जाते
प्रश्नों के दायरे भी सिमट जाते
असंभव भी तब संभव हो पाता है
जब अभ्यास स्वभाव हो जाता है ।
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