मंगलवार, 29 जुलाई 2014

इक बड़ी बात

इक बड़ी बात


स्वयं ही अपने प्रश्नों के उत्तर पाना 
अपने ही खर्राटों को सुनने गिनने - सा 
जागते सोना और सोते जाग जाना 
समझदारों में सबसे बड़ा भौंदू कहलाना
दिन दोपहर तपते सूरज में समाना 
तिनके - सा जलकर मिट जाना 
देह राख विसर्जित कर 
तन्मात्रा संगत पाना 
अपने होने को खो देना
बूंद बूंद - सा झर जाना  
इक बड़ी बात है। 

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