इक बड़ी बात
स्वयं ही अपने प्रश्नों के उत्तर पाना
अपने ही खर्राटों को सुनने गिनने - सा
जागते सोना और सोते जाग जाना
समझदारों में सबसे बड़ा भौंदू कहलाना
दिन दोपहर तपते सूरज में समाना
तिनके - सा जलकर मिट जाना
देह राख विसर्जित कर
तन्मात्रा संगत पाना
अपने होने को खो देना
बूंद बूंद - सा झर जाना
इक बड़ी बात है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें