AMIT KALLA
बुधवार, 18 नवंबर 2009
दाता बंदी छोड़ -2
दीखती
बंदगी है
बंदी नहीं दीखते
वे तो
पहुँच चुके
अपने मुकाम तक
थामकर हाथ
सिरजनहारे का
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