गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

सुना जो था

कल 
सुना जो था 
तुमने 
पेड़ और उसके 
दोस्तों का संवाद 
बातों ही बातों में मैंने 
तुम्हे 
अचानक 
एक गिलहरी ने
लपकर 
मेज़ की खुली दराज़ से 
पेंसिल चुरा-ली |

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