बुधवार, 7 मार्च 2012

वृक्ष है वह

वह तो
वृक्ष है
विश्वास का वृक्ष
कुछ कहता
सहेजता
वृक्ष ही है वह
अंग - अंग द्विप्त
सत्ताइस नक्षत्रों वाला
हे ! पृथ्वी
तुम्हारे संयम का
वृक्ष है वह ।

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