AMIT KALLA
बुधवार, 13 जुलाई 2011
अबोध सितारा
हर रोज़
जाग जाता
जगाने वाले से पहले
काल कि आहट
या फिर
महाकाल का जयघोष
अल - सुबह
शिप्रा के किनारे
टूटता है
बरगद के उस वृक्ष से
दो पंखों वाला सितारा
अबोध सितारा
बन जाने को
भस्मारती कि भस्म
हर रोज़
जगाने वाले से पहले |
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