शुक्रवार, 10 जून 2011

मग्न शालिग्राम में

किसी ने पूछा
उससे की 
आप कहाँ के हैं 
वह निःशब्द  
घोड़े से उतरकर
बैठ गया
खेजडे वृक्ष के नीचे 
-समाधिस्थ- 
कुछ छिपकर 
निकल गए  
कुछ लौट गए 
बिना तर्क किये ही 
कहते हैं 
खोजते-खोजते वहाँ
एक ने पाया 
सिंहासन 
दूसरा था मग्न 
शालिग्राम में |

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