मंगलवार, 30 अगस्त 2011

अपना स्वर्ग - नर्क


अभी
कुछ और भी
साझा करना है
गहरी नींद से पहले
उन चुप्पियों को
गिटक लिया था जिन्हें कभी
हवाओं का
बहाना बनाकर
साझा करना है
अंतर्मन
अपना स्वर्ग - नर्क
संभवत:
बुद्धि मुक्त
व्यवहारों के
व्यापारों को

सोमवार, 29 अगस्त 2011

मैं शब्दों की पगडण्डी

डरता हूँ
सहानुभूतियों से
सुहाता नहीं अब
थाली में परोसा
स्नेहमय व्यवहार,
मठ को
त्यागते समय
आश्चर्य से
देखते रहे
परम्पराओं से बंधे
सन्यासी,
कहकर आया था उन्हें
कि
लौट जाओ
तुम सब अपनों में
मैं
शब्दों की
पगडण्डी
पकड़ता हूँ |