स्याह को सफेद में
लगातारजोड़ने घटाने के सहारे प्रतिष्टित
बंद खुली हज़ारों वर्षों से
किन्ही परतों में दबी तरकीबें
कल्पनाओं को बेहतर
छवियाँ प्रदान करती हैं
तथाकथित
आवरणों को अस्वीकार करके
स्वयं का स्वयं से
परिचय करा
सुखमय अज्ञानता के
स्याह को सफेद में तब्दील करती है
लगातार
जोड़ने घटाने के सहारे ही।