शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2009

पृथ्वी

बादलों के
बीच से वह
पृथ्वी को देखता है
पृथ्वी
कितने ही सूर्य
वापस लौटाती
कह देती है  
यहाँ
हर पर्वत में
इक
सूर्य रहता है

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