गुरुवार, 9 जून 2011

तीन काल का झूठ

मै
रखवाली करता 
परोसता हूँ 
अग्नि 
चिताओं को 
मेरी स्मृति में 
इससे ऊँचा 
कुछ भी नहीं ,
सच मानकर बंध जाना 
तीन काल का झूठ 
कहता
मत आना पास 
पीपल का कोटर छोड़ 
इस मृत्यु लोक में 
चाटते कुत्ते जहाँ
झूठी पत्तलें 
देवताओं की 
जलाता हूँ
मै तो 
सिर्फ देह 
वे तो अपराधी 
आत्मा के |

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