सोमवार, 12 अक्तूबर 2009

जानते थे गौतम..

हवा है
वह
छू ही
लेती है
भला कौन सा
घर
अछूता
कहाँ से लायेगा
एक लौटा पानी
जानते थे गौतम...
मृत्यु की उस  
शाश्वत
बयार को 

1 टिप्पणी:

  1. हवा है
    वह
    छू ही
    लेती है
    भला कौन सा
    घर
    अछूता
    कहाँ से लायेगा
    एक लौटा पानी
    जानते थे गौतम...
    मृत्यु की उस
    शाश्वत
    बयार को

    अमित जी बहुत कुछ कह गए इन चंद पंक्तियों में ....!!

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