सोमवार, 14 सितंबर 2009

दुःख , विछोह का

सुनहरी
सतह पर लिखे
काले काले अक्षर
यकीनन
सौभाग्य  परोसते हैं
अपनी सलवटों को समेटकर
कितनी
सहजता से भुला देते वे    
दुःख ,
विछोह का

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