शुक्रवार, 25 सितंबर 2009

तथास्तु

अहिल्या सी
पल-पल
प्रतीक्षा करती,
बूंद-बूंद
स्पर्श
पहचान जाती है
गुफाएँ
छिपा लेती
अपना गर्भ
छिपा लेती हैं
"तथास्तु"
वरदान  

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